तन-मन से अन्नदाता के साथ हूँ, मैं श्रमिक सुत' बोल रहा हूँ। तन-मन से अन्नदाता के साथ हूँ, मैं श्रमिक सुत' बोल रहा हूँ।
सबको बस अपने अधिकारों की पड़ी है जिम्मेदारी गुमसुम सी एक कोने में खड़ी है। सबको बस अपने अधिकारों की पड़ी है जिम्मेदारी गुमसुम सी एक कोने में खड़ी है।
आप अनमोल हैं परिवार/ समाज और देश के लिए..! आप अनमोल हैं परिवार/ समाज और देश के लिए..!
पेंसिल ने लिखकर मिटाना सिखाया था, पेन ने ताे लिखकर काटना सिखाया था, पेंसिल ने लिखकर मिटाना सिखाया था, पेन ने ताे लिखकर काटना सिखाया था,
हमें रुकावटों के सीने को फाड़ सुगम रास्ते बना के आगे बढ़ना है ! हमें रुकावटों के सीने को फाड़ सुगम रास्ते बना के आगे बढ़ना है !
कभी हार है तो कभी जीत है, जीवन एक संघर्ष है, समस्याएं अनेकों है, समस्याओं से, निकलना ही संघर्ष ... कभी हार है तो कभी जीत है, जीवन एक संघर्ष है, समस्याएं अनेकों है, समस्याओं से...